Kingdom Review: फ़िल्म Kingdom, निर्देशक गोवतम तिन्ननुरी द्वारा निर्मित, 31 जुलाई 2025 को रिलीज हुई। विजय देवरकोंडा, सत्यदेव, और भाग्यश्री बोर्से अभिनीत इस जासूसी-एक्शन थ्रिलर को दर्शकों और आलोचकों से मिला-जुला रिस्पांस मिला है। इसे तकनीकी रूप से प्रशंसा मिली है, पर कहानी और भावनात्मक जुड़ाव में कुछ कमी देखी गई है।
फ़िल्म की कहानी: मिशन, परिवार, और खोई हुई पारी

विजय देवरकोंडा की भूमिका “सुरी” एक आदर्श पुलिस कांस्टेबल की है, जो impulsive लेकिन न्यायप्रिय है। उसके जीवन में तब तक असंतुलन बना रहता है, जब तक वह अपने खोए हुए भाई शिव (सत्यदेव) को खोजने की कोशिश में श्रीलंका में undercover मिशन नहीं करता। वहाँ उसे पता चलता है कि स्थानीय आदिवासी समाज और हथियार तस्करी के बीच एक रहस्यमयी ‘kingdom’ छुपा हुआ है। कहानी 1920 के दशक के मिथक और 1991 हैदराबाद के यथार्थ के बीच झूलती है।
विजय देवरकोंडा का रोल और उनकी परफॉर्मेंस
विजय देवरकोंडा ने सूरी के किरदार में restraint और intensity दोनों दिखाई है। कुछ आलोचक इसे उनकी “कम-नाटकीय, स्थिर लेकिन भावनात्मक” भूमिका बताते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत न्याय और कर्तव्य के बीच फंसे इंसान की भूमिका प्रभावशाली तरीके से निभाई।
हालांकि, हिस्सों में एक्टिंग भावों में गहराई न होने के कारण कहानी की रीढ़ कमजोर महसूस होती है।
दूसरे कलाकारों की भूमिका
सत्यदेव (शिव की भूमिका में) कुछ प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत करते हैं, लेकिन उनकी क्षमता पूरी तरह उपयोग नहीं की गई। भाग्यश्री बोर्से ने भी सीमित स्क्रीन समय में अच्छी उपस्थिति बनाई, लेकिन उनके किरदार को ज्यादा विस्तार नहीं मिला।
तकनीकी पक्ष: सिनेमैटोग्राफी, संगीत और संपादन
फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी (गिरीश गगनधरन और जॉमन टी. जॉन द्वारा) एक भव्य और gritty अनुभव देती है। विज़ुअल्स visually striking हैं, खासकर action sequences में।
एनिरुध राविचंदर का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की इंटेंसिटी को बढ़ाता है, हालांकि कुछ दर्शकों को यह थोड़ा familiar या predictable लगा। नवीनooli का एडिटिंग पहले भाग में तेज़ लेकिन दूसरे भाग में धीमा प्रतीत होता है, जिससे pacing प्रभावित होती है।
प्लस पॉइंट्स: जहां फ़िल्म चमकी
- इंटेंस एक्शन सीक्वेंस, विशेषकर क्रंच और pre-climax में दर्शकों को बांधे रखती हैं।
- विजुअल्स और production डिजाइन साफ-सुथरे और प्रभावशाली हैं।
- सुरु का किरदार दुबारा विजय को भरोसेमंद hero के रूप में पेश करता है—उनके भक्तों के लिए एक वापसी।
माइनस पॉइंट्स: कमजोरियां जो नजर आईं
- दूसरा हाफ/क्लाइमैक्स कहानी में तार्किक रूप से कमजोर और stretched महसूस होता है। कुछ दर्शकों को confusion होता है, जिससे भावनात्मक जुड़ाव टूट जाता है।
- भावनात्मक गहराई की कमी—जबकि भाई-भाई की कहानी foundation बनती है, पर narrative में emotional connect निर्माण नहीं हो पाता।
- क्लिफ़हैंगर एन्डिंग और सीक्वल थकावट—फ़िल्म Part‑1 खत्म होती है एक खुली अंत पर, जिससे दर्शकों ने “stop forcing part‑2” की मांग की है।
बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन: आंकड़े क्या कहते हैं?
- इंडिया नेट कलेक्शन (Day 1): Rs. 7.07 crore आया है, occupancy लगभग 56‑57% रही, Warangal जैसे शहरों में 85% तक।
- दूसरी रिपोर्ट्स Rs. 3‑5 crore india day‑1 बताती हैं, पर औसत में माना जा रहा है करीब 7 करोड़। विदेशों में विशेषकर US में $650K+ (≈₹5.4 crore) अर्जित किया गया।
- यह विजय देवरकोंडा की सबसे बड़ी ओपनर नहीं है (उदा. Liger ₹15.95 crore दिन‑1), पर moderate शुरुआत मानी जा रही है।
Controversy और दर्शकों की प्रतिक्रिया

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म की शुरुआत में एक fictional disclaimer दिया गया है कि यह पूरी तरह काल्पनिक कहानी है। फिर भी सोशल मीडिया पर Jaffna तमिलों का portrayal विवाद का विषय बना। YouTuber Prashanth ने आलोचना की, लेकिन netizens ने फ़िल्म की fictional प्रकृति को ध्यान में रखते हुए समर्थन किया। कुछ दर्शकों ने सोशल मीडिया पर फ़िल्म की निरंतर Part‑2 रणनीति पर सीधा विरोध जताया—“तीन‑चर इतिहास, ‘world building’, cliffhanger सब एक फॉर्मूला बन गया है।”
ऑडियंस और सोशल रिएक्शन (X / Twitter और Reddit)
Reddit पर टीज़र रिएक्शन्स में कहा गया: “First half अच्छा था, लेकिन pre-climax से expectations गिरी” और “open ending unnecessary था।”
X पर fans ने praising feedback दिया कि विजय की presence दमदार है, लेकिन कुछ ने second half को confused और emotionally flat बताया।
कुछ ने फिल्म को ‘flawed version of Devara’ जैसा बताया—plot recycled, depth missing।